क्या हैं पावर ऑफ अटॉर्नी के नुकसान ??

**********Legal update**********

*🛑कई राज्यों में पावर ऑफ अटॉर्नी पर स्टांप ड्यूटी नहीं के बराबर देनी पड़ती है. यही वजह है कि प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े कई मामलों में लोग स्टांप ड्यूटी के पैसे बचाने के चक्कर में उसका सेल डीड बनवाने के बजाए पावर ऑफ अटॉर्नी बनवा लेते हैं*

👉प्रॉपर्टी खरीदते वक्त आपकी एक छोटी-सी गलती या ‘लालच’, आपकी जिंदगीभर की कमाई को एक झटके में बर्बाद कर सकता है. जिसके बाद आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाएंगे.

*🛑प्रॉपर्टी खरीदते समय इन बातों का रखें खास ध्यान*

✅यदि आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसकी एवज में आपको सरकार को स्टांप ड्यूटी देनी होती है. 

✅स्टांप ड्यूटी देने के बाद ही आपकी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की जाती है. 

✅लेकिन, अफसोस कई लोग थोड़े-से पैसों के लालच में आकर स्टांप ड्यूटी नहीं देते हैं. 

जिसकी वजह से उनकी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री भी नहीं हो पाती है.

✅लाखों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदने वाले कई लोग स्टांप ड्यूटी के थोड़े-से पैसे बचाने के चक्कर में प्रॉपर्टी डील का पावर ऑफ अटॉर्नी या फुल पेमेंट एग्रीमेंट बनवा लेते हैं. 

✅जबकि ये कानूनन सही नहीं है. पावर ऑफ अटॉर्नी या फुल पेमेंट एग्रीमेंट से आपको किसी भी प्रॉपर्टी का कानूनन मालिकाना हक नहीं मिल पाता है.

*🛑क्या होती है पावर ऑफ अटॉर्नी❓❓*

✅पावर ऑफ अटॉर्नी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें एक व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी के अधिकार किसी दूसरे व्यक्ति को दे देता है. 

✅लेकिन यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि पावर ऑफ अटॉर्नी में सिर्फ प्रॉपर्टी के अधिकार मिलते हैं. 

✅इसके अलावा, पावर ऑफ अटॉर्नी को प्रॉपर्टी बेचने में इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन, पावर ऑफ अटॉर्नी में प्रॉपर्टी कानूनी रूप से उसी व्यक्ति की होती है, जिसके नाम से वह रजिस्टर्ड है.

*🛑क्या हैं पावर ऑफ अटॉर्नी के नुकसान❓❓*

✅पावर ऑफ अटॉर्नी का नियम कुछ इस तरह से है कि जिस व्यक्ति से आप कोई प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, उसकी मृत्यु के बाद वह पावर ऑफ अटॉर्नी अपने आप ही निरस्त हो जाएगी. 

✅ऐसे में उस व्यक्ति के बच्चे या नजदीकी रिश्तेदार उस प्रॉपर्टी पर अपना दावा ठोक सकते हैं. 

✅अगर उन्होंने उस प्रॉपर्टी पर अपना दावा ठोक दिया तो आप मुसीबत में फंस सकते हैं. 

✅क्योंकि आपके पास उस प्रॉपर्टी का पावर ऑफ अटॉर्नी है, जो आपको सिर्फ उस प्रॉपर्टी के अधिकार देता है. 

✅पावर ऑफ अटॉर्नी कभी भी किसी व्यक्ति को किसी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक नहीं दिलाता.

👉इसलिए कभी भी प्रॉपर्टी खरीदते समय स्टांप ड्यूटी चुका कर रजिस्ट्री अवश्य कराएं. 

👉इतना ही नहीं, रजिस्ट्री कराने के बाद उस प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज कराना भी बहुत जरूरी है.

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