लोक हित वाद के उद्देश्य The objects of Public Inferest Litigation
लोक हित वाद के उद्देश्य ( Explain the objects of Public Inferest Litigation . ) लोकहित वाद का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्ग को न्याय के समान अवसर उपलब्ध कराना है । जो व्यक्ति अर्थाभाव या अन्य किसी कारण से न्यायालय में दस्तक सकने में असमर्थ है , उनके हितों को लोकहित वादों के माध्यम से संरक्षण प्रदान किया जाता गिरीश व्यास बनाम स्टेट ऑफ महाराष्ट्र ( ए.आई.आर. 2012 एस.सी. 2043 ) के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया है कि को मानव अधिकारों को अर्थपूर्ण बनाने की चुनौती भी देती है और अवसर भी प्रदान लोकहित वाद की प्रकृति प्रतिकूलात्मक मुकदमेबाजी की नहीं है । यह सरकारी तंत्र करती है । बिहार लीगल सपोर्ट सोसायटी बनाम चीफ जस्टिस ' ( ए.आई.आर. 1987 एस.सी . 38 ) के मामले में उच्चत्तम न्यायालय द्वारा यह कहा गया है कि— “ लोकहित वाद की अवधारणा का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्ग की सहायता करना तथा उन्हें न्याय ( Public interest litigation is not in the nature of adversial litigation , but it is a challenge and an opportunity to the government and its of ficers to make ba...