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घरेलू घटना की रिपोर्ट घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 की धारा 12 के तहत मामलों के न्यायनिर्णयन के लिए अनिवार्य हे या नहीं

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घरेलू घटना की रिपोर्ट घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 की धारा 12 के तहत मामलों के न्यायनिर्णयन के लिए अनिवार्य हे या नहीं  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में देखा है कि एक मजिस्ट्रेट पीड़ित व्यक्ति द्वारा दायर शिकायत या आवेदन का संज्ञान ले सकता है और घरेलू घटना की रिपोर्ट  के बिना भी घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के तहत प्रतिवादी को नोटिस जारी कर सकता है  हाईकोर्ट ने हाल ही में देखा है कि एक मजिस्ट्रेट पीड़ित व्यक्ति द्वारा दायर शिकायत या आवेदन का संज्ञान ले सकता है और घरेलू घटना की रिपोर्ट (डीआईआर) के बिना भी घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के तहत प्रतिवादी को नोटिस जारी कर सकता है। जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने प्रभा त्यागी बनाम कमलेश देवी 2022 लाइव लॉ (एससी) 474 के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का उल्लेख किया , जिसमें यह माना गया था कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 मजिस्ट्रेट के लिए अनिवार्य नहीं करती है कि वह घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत कोई आदेश पारित करने से पहले एक संरक्षण अधिकारी या सेवा प्रदाता द्वारा दायर एक घरेलू घटना की रिपोर्ट पर विचार कर...